बेंगलुरु, 23 दिसंबर || पुलिस ने कहा कि डिजिटल गिरफ्तारी का शिकार होने के बाद एक सॉफ्टवेयर पेशेवर को 11 करोड़ रुपये खोने की घटना सोमवार को बेंगलुरु से सामने आई है।
पुलिस के मुताबिक, साइबर जालसाजों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी बताकर डिजिटल गिरफ्तारी के जरिए अपराध को अंजाम दिया।
पीड़ित की पहचान 39 वर्षीय विजयकुमार के रूप में की गई है, जो बेंगलुरु की एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में काम करता है।
इस संबंध में बेंगलुरु के नॉर्थ ईस्ट साइबर क्राइम, आर्थिक अपराध, नारकोटिक्स (सीईएन) पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
पीड़ित को बताया गया कि उसके नाम पर मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया था और उन्हें पता चला कि उसके आधार नंबर का उपयोग करके नकद हस्तांतरण किया गया था।
जालसाजों ने दावा किया कि यह 6 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला है और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए बैंक खाते खोलने के लिए उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया था।
आरोपी ने यह भी दावा किया कि मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा देखा जा रहा है।
पुलिस ने कहा कि साइबर अपराधियों ने अपना होमवर्क किया था और जानकारी एकत्र की थी कि पीड़ित ने कई वर्षों तक शेयर बाजार में निवेश किया था।
आरोपियों ने उसे गिरफ्तारी की धमकी देकर अपने शेयर बेचने को कहा था।
आरोपियों ने चरणबद्ध तरीके से 11.83 करोड़ रुपये अपने खातों में निकाले थे।