नई दिल्ली, 28 दिसंबर || भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में बैंक धोखाधड़ी के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें 21,367 करोड़ रुपये की 18,461 घटनाएं हुईं।
यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में मामलों की संख्या में लगभग 28 प्रतिशत की वृद्धि (वित्त वर्ष 2024 के अप्रैल-सितंबर में 14,480) और कुल राशि (2,623 करोड़ रुपये) में आठ गुना से अधिक की वृद्धि है।
सेंट्रल बैंक ने भारत में बैंकिंग की प्रवृत्ति और प्रगति पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में इंटरनेट और कार्ड धोखाधड़ी कुल धोखाधड़ी राशि का 44.7 प्रतिशत और 85.3 प्रतिशत मामले थे।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि निजी क्षेत्र के बैंकों ने सभी धोखाधड़ी के 67.1 प्रतिशत मामलों की सूचना दी, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सबसे अधिक वित्तीय प्रभाव का सामना करना पड़ा।
इसमें कहा गया है, “धोखाधड़ी की संख्या के संदर्भ में, 2023-24 में सभी बैंक समूहों के लिए कार्ड और इंटरनेट धोखाधड़ी की हिस्सेदारी सबसे अधिक थी।”
जब प्रवर्तन कार्रवाइयों की बात आती है, तो 2023-24 में बैंकों पर लगाया गया कुल जुर्माना 86.1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।