कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की ओर से 21 फरवरी तक आयोजित की जा रही मूर्तिकला प्रतियोगिता
चण्डीगढ़, 16 फरवरी || TC - 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले की आर्ट एंड कल्चरल गैलरी में युवाओं को मूर्तिकला में निपुण बनाने के उद्देश्य से प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। 21 फरवरी तक आयोजित होने वाली मूर्तिशिल्प प्रतियोगिता में युवा मूर्तिकार पत्थरों को अपने हुनर से मूर्ति का रूप देने के लिए कार्य कर रहे हैं। इस स्पर्धा में 20 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।
कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा के महानिदेशक श्री के.एम. पांडूरंग के मार्गदर्शन तथा अतिरिक्त निदेशक श्री विवेक कालिया के निर्देशन में मूर्ति शिल्पकला प्रतियोगिता का आयोजन कर युवा मूर्तिकारों की प्रतिभा को और अधिक निखारने का कार्य किया जा रहा है।
इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों के साथ-साथ मेले का भ्रमण करने आए पर्यटक भी काफी रुचि लेकर मूर्ति बनाने की कला को सीख रहे हैं। उन्होंने बताया कि 24 कैरेट तांबा में हरियाणा की धरती पर उकेरी जा रही मूर्तियां साबित कर रही हैं कि कला ही कल्याण की जननी है। इन मूर्तियों को बनाने में कलाकार गेरू, गोंद, सरसों का तेल व तांबे का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सूरजकुंड की धरा पर बनाई जा रहीं यह मूर्तियां लंबे समय तक चमकेंगी।
अपने-अपने देशों की संस्कृति और विरासत को सूरजकुंड के मंच से साझा कर रहे कलाकार
पर्यटन निगम के साथ ही कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा की ओर से मुख्य चौपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश के साथ-साथ विश्वभर के कलाकार अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों से पर्यटकों का मन जीत रहे हैं। सूरजकुंड मेला न केवल हस्तशिल्प और कला का मंच है, बल्कि विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और मनोरंजन गतिविधियों का भी केंद्र है, जो इसे एक समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव बनाते हैं। बड़ी चौपाल पर पश्चिम अफ्रीका के देश गिनी कोनाक्री के लोक कलाकारों ने रिद्म ऑफ काकांडे नृत्य की प्रस्तुति पेश की तो वहीं जिम्बाब्वे के कलाकारों ने अपने देश के पारंपरिक नृत्य का जलवा बिखेरा। वहीं मेडागास्कर देश से आए उनके मुख्य बैंड मालागासी की बीट पर दर्शकों को खूब नचाया। इसी तरह मालवी, युगांडा, जाम्बिया, वियतनाम, तंजानिया, साउथ सूडान, कोमरोस आदि देशों के कलाकारों ने भी अपनी समृद्ध संस्कृति से ओतप्रोत कार्यक्रमों की पेशकश दीं। वहीं देश के विभिन्न राज्यों सहित मेले के थीम स्टेट ओडिशा और मध्य प्रदेश के लोक कलाकारों ने भी गायन और सामूहिक नृत्य से पर्यटकों का खूब मनोरंजन किया।