ब्रुसेल्स, 3 दिसंबर || यूरोपीय संघ (ईयू) की परिषद ने साइबर खतरों के प्रति ब्लॉक की लचीलापन बढ़ाने और सदस्य देशों के बीच मजबूत साइबर एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए दो नए कानून अपनाए।
नए कानून, जो यूरोपीय संघ के साइबर सुरक्षा विधायी पैकेज का हिस्सा हैं, में "साइबर सॉलिडैरिटी एक्ट" और साइबर सुरक्षा अधिनियम (सीएसए) में एक लक्षित संशोधन शामिल है। समाचार एजेंसी ने बताया कि इन उपायों का उद्देश्य साइबर घटनाओं के खिलाफ यूरोपीय संघ की तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करना है।
परिषद ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि नया विनियमन राष्ट्रीय और सीमा पार साइबर केंद्रों से बनी साइबर सुरक्षा चेतावनी प्रणाली की स्थापना का भी प्रावधान करता है। ये हब साइबर खतरों का पता लगाने और उनका मुकाबला करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उन्नत डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाएंगे।
यह कानून स्वास्थ्य देखभाल, परिवहन और ऊर्जा जैसे अत्यधिक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परीक्षण क्षमताओं का भी समर्थन करता है। यह निजी क्षेत्र से घटना प्रतिक्रिया सेवाएं प्रदान करता है, जिसे किसी महत्वपूर्ण साइबर घटना की स्थिति में यूरोपीय संघ के सदस्य राज्य या संस्थान के अनुरोध पर तैनात किया जा सकता है।
इसके अलावा, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए एक घटना समीक्षा तंत्र स्थापित किया जाएगा।
परिषद ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक स्तर पर साइबर सुरक्षा घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति और गंभीरता को देखते हुए ये उपाय महत्वपूर्ण हैं।
यह कानून आने वाले हफ्तों में ईयू के आधिकारिक जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा और प्रकाशन के 20 दिन बाद लागू हो जाएगा।