जयपुर, 15 अप्रैल || प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को 48,100 करोड़ रुपये के PACL घोटाले के सिलसिले में राजस्थान के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की।
यह कार्रवाई सुबह करीब 5 बजे 19 ठिकानों पर शुरू हुई, जिसमें जयपुर में खाचरियावास का आवास और राज्य भर में अन्य संपत्तियां शामिल हैं।
ED की दिल्ली टीम द्वारा छापेमारी की जा रही है, जिसमें स्थानीय जयपुर इकाइयों के भी जल्द ही शामिल होने और सहायता करने की उम्मीद है। ED सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई कथित तौर पर प्रताप सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हस्तांतरित 2,850 करोड़ रुपये से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग और संपत्ति निवेश से संबंधित है।
संदेह है कि धन का एक बड़ा हिस्सा रियल एस्टेट और अन्य संपत्तियों में लगाया गया है।
पीएसीएल घोटाला भारत के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक है, जिसमें रियल एस्टेट निवेश की आड़ में देशभर के 5.85 करोड़ से ज़्यादा निवेशकों से पैसे ठगे गए। अकेले राजस्थान में ही करीब 28 लाख लोगों ने 17 सालों में करीब 2,850 करोड़ रुपये निवेश किए थे। यह घोटाला सेबी की जांच के बाद सामने आया, जिसने पीएसीएल की निवेश योजनाओं को अवैध माना और 22 अगस्त, 2014 को कंपनी को अपना परिचालन बंद करने का आदेश दिया। बंद होने के बाद भी निवेशकों का पैसा फंसा रहा। फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जिसका काम पीएसीएल की संपत्तियों की नीलामी करके और प्रभावित निवेशकों को ब्याज सहित धन वापस करके धन की वसूली करना था।