भोपाल, 19 अप्रैल || 'चीता परियोजना' को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत, दक्षिणी अफ्रीका से लाए जाने वाले आठ चीतों में से पहले चार मई में देश में आएंगे। अधिकारियों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में शनिवार को बताया गया कि आठ बड़ी बिल्लियों को दो चरणों में बोत्सवाना से भारत लाया जाएगा।
यह जानकारी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के अधिकारियों ने दी, जिन्होंने शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में चीता परियोजना की समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया।
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में एनटीसीए अधिकारियों के हवाले से कहा गया है, "दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और केन्या से और चीते भारत लाने के प्रयास चल रहे हैं। दो चरणों में आठ चीते भारत लाए जाएंगे। मई तक बोत्सवाना से चार चीते भारत लाने की योजना है। इसके बाद चार और चीते लाए जाएंगे। फिलहाल भारत और केन्या के बीच समझौते पर सहमति बन रही है।" इस बीच, कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) से दो चीते गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कहा कि केएनपी से दो चीते - एक नर और एक मादा - 20 अप्रैल को गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित किए जाएंगे। भूपेंद्र यादव और सीएम यादव की भोपाल में वरिष्ठ वन अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह घोषणा की गई।