पटना, 21 अप्रैल || जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने सोमवार को जाति जनगणना को लेकर बिहार सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर ‘जनता को धोखा’ दे रहे हैं।
जन सुराज प्रमुख ने बिहार में मीडियाकर्मियों से कहा, “नीतीश कुमार जाति जनगणना, भूमि सर्वेक्षण और रोजगार के वादों पर जनता को धोखा दे रहे हैं।”
प्रशांत किशोर ने बिहार में जाति जनगणना के कार्यान्वयन पर श्वेत पत्र लाने की भी मांग की।
उन्होंने कहा, “विधानसभा में जाति सर्वेक्षण के आंकड़े पेश किए जाने के बाद आरक्षण की सीमा क्यों नहीं बढ़ाई गई। अगर जेडीयू-बीजेपी गठबंधन राज्य और केंद्र दोनों पर शासन करता है, तो उन्हें आरक्षण की सीमा बढ़ाने से कौन रोक रहा है?”
उन्होंने दावा किया कि जाति आधारित डेटा संग्रह के पीछे का उद्देश्य कभी भी विकास नहीं था, बल्कि चुनावी लाभ के लिए जाति आधारित भावनाओं को भड़काना था।
उन्होंने आरोप लगाया, "बिहार में दलितों, महादलितों या भूमिहीन लोगों के उत्थान के लिए कोई भी पार्टी गंभीर नहीं है। यह सब वोट बैंक की राजनीति है।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 अप्रैल को मधुबनी दौरे के मद्देनजर किशोर ने नीतीश कुमार सरकार पर भीड़ जुटाने के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया और इसे "जवाबदेही पर दिखावे" की कवायद बताया।