चंडीगढ़, 30 सितम्बर || पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को पराली जलाने की घटनाओं को और कम करने के लिए किसानों को धान की पुआल प्रबंधन के बारे में जागरूक करने के लिए निरंतर अभियान चलाने की वकालत की।
फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में तैयारियों के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को संचार अभियान के माध्यम से धान की पुआल जलाने के खतरों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए, साथ ही उन्हें पुआल प्रबंधन उपकरणों पर सब्सिडी के प्रावधानों के बारे में भी जागरूक किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटरों के माध्यम से पराली प्रबंधन की लागत में कमी के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए। मान ने पंचायतों और अन्य सामान्य स्थानों पर कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने की भी वकालत की।
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को धान की पराली जलाने के खतरों के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए एक जोरदार अभियान चलाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इससे धान की पराली जलाने के खिलाफ लड़ाई को एक जन आंदोलन में बदलने में मदद मिलेगी।
मान ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन योजना 2024-25 के तहत, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पंजाब ने पहले ही agrimachinerypb.com पोर्टल के माध्यम से योजना के तहत सब्सिडी प्राप्त करने के लिए इच्छुक किसानों से आवेदन मांगे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने व्यक्तिगत किसानों को 14,000 मशीनें वितरित करने और 1,100 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।