नई दिल्ली, 6 जनवरी || द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण में 2024 में 15 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, जबकि 2017 के आकलन की तुलना में निकासी में 3 बीसीएम की कमी आई, जो देश के सतत विकास लक्ष्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। जल शक्ति मंत्रालय ने सोमवार को...
मुख्य रूप से जल निकायों, टैंकों और संरक्षण संरचनाओं के कारण बढ़ा हुआ पुनर्भरण, 2023 की तुलना में 128 इकाइयों में भूजल की स्थिति में सुधार दर्शाता है।
केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी), राज्य भूजल विभागों के सहयोग से, भूजल संसाधनों पर वार्षिक रिपोर्ट जारी करता है।
भारत के गतिशील भूजल संसाधनों पर राष्ट्रीय संकलन, 2024 के अनुसार, कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण 446.90 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) आंका गया है, जिसमें निकालने योग्य संसाधन 406.19 बीसीएम और वार्षिक निष्कर्षण 245.64 बीसीएम है।
वर्ष 2024 में कई प्रमुख क्षेत्रों में सकारात्मक प्रगति देखी गई है, जिसमें टैंकों, तालाबों और डब्ल्यूसीएस (जल नियंत्रण प्रणाली) से पुनर्भरण सहित उल्लेखनीय हाइलाइट्स में पिछले पांच आकलन में लगातार वृद्धि देखी गई है। साल 2023 के मुकाबले साल 2024 में इसमें 0.39 बीसीएम की बढ़ोतरी हुई है।