मुंबई, 24 अप्रैल || दिवंगत स्टार अमरीश पुरी के पोते अभिनेता वर्धन पुरी अभिनय को एक गहरे व्यक्तिगत अनुभव के रूप में देखते हैं जो उन्हें उनके द्वारा निभाए जाने वाले हर किरदार के साथ आगे बढ़ने में मदद करता है।
वर्ष 2019 में फिल्म “ये साली आशिकी” से अपने करियर की शुरुआत करने वाले वर्धन ने कहा: “प्रत्येक किरदार मुझे अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।”
उन्होंने बताया कि कैसे अलग-अलग भूमिकाएँ निभाने से उन्हें अपने व्यक्तित्व के छिपे हुए हिस्सों को तलाशने का मौका मिलता है।
“मेरे लिए अभिनय थेरेपी की तरह है। जब मैं कोई भूमिका निभाता हूँ, तो मैं सिर्फ़ दिखावा नहीं करता - मैं उसे जीता हूँ। चाहे वह प्यार हो, दर्द हो, गुस्सा हो या खुशी हो, मैं सब कुछ ईमानदारी से महसूस करता हूँ। यह प्रक्रिया मुझे अपनी भावनाओं से निपटने में मदद करती है और मुझे मज़बूत बनाती है।”
उन्हें लगता है कि सिनेमा में सिर्फ़ अभिनेताओं को ही नहीं, बल्कि दर्शकों को भी ठीक करने की शक्ति है।
उन्होंने आगे कहा, “मैं ऐसी कहानियाँ बताना चाहता हूँ जो लोगों के साथ रहें, जो उन्हें महसूस कराएँ कि उन्हें देखा और समझा गया है।” उनके लिए सिनेमा एक ऐसा माध्यम है, जिससे भावनाओं को एक-एक भूमिका के माध्यम से कला में बदला जा सकता है।
वर्धन ये साली आशिकी, ब्लडी इश्क, बॉबी और ऋषि की लव स्टोरी जैसी उल्लेखनीय परियोजनाओं का हिस्सा रहे हैं।
‘बॉबी और ऋषि की लव स्टोरी’ की बात करें तो यह बेबाक जुनून, उभरते रोमांस और दिल को छू लेने वाले पलों की एक कालजयी कहानी है, इसमें फिल्म निर्माता शेखर कपूर की बेटी कावेरी भी हैं।